बवासीर होने का मुख्य कारन पेट में कब्ज बनना है डाटा के अनुसार 50 % से ज्यादा लोगो को यह रोग कब्ज के कारन होता है
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कब्ज के कारण मलाशय की नसों के रक्त प्रवाह में बाधा जाती है जिसके कारण वहां की नसें कमजोर हो जाती हैं और आंतों के नीचे के हिस्से में भोजन के अवशोषित अंश अथवा मल के दबाव से वहां की धमनियां चपटी हो जाती हैं झिल्लियां फैल जाती हैं। जिसके कारण व्यक्ति को बवासीर हो जाती है।
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यह रोग व्यक्ति को तब भी हो सकता है जब वह शौच के वेग को किसी प्रकार से रोकता है।
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भोजन में पोषक तत्वों की कमी होने के कारण बिना पचा हुआ भोजन मलाशय में इकट्ठा हो जाता है और निकलता नहीं है, जिसके कारण मलाशय की नसों पर दबाव पड़ने लगता है और व्यक्ति को बवासीर हो जाती है।
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शौच करने के बाद मलद्वार को गर्म पानी से धोने से भी बवासीर रोग हो सकता है।
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तेज मसालेदार, फ़ास्ट फ़ूड खाने से तथा उत्तेजक भोजन करने के कारण भी बवासीर रोग हो सकता है।
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दवाईयों का अधिक सेवन करने के कारण भी यह रोग व्यक्ति को हो सकता है।
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रात के समय में अधिक जगने के कारण भी व्यक्ति को बवासीर का रोग हो सकता है