दोस्तों इस लेख में हम पेट की गैस को जड़ से ख़तम करने के उपाय के बारे में बात करेंगे जैसा की आपने देखा होगा की कभी-कभी भूख न लगना, गलत-खान पान और लापरवाही आदि के कारण पेट में दूषित वायु इकट्ठी हो जाती है, जो अफारा को पैदा करती है, जिसके कारण पेट की नसों में खिंचाव महसूस होने लगता है।
और ऐसी अवस्था में मरीज बेचैन हो उठता है। और पेट भी फूलने लगता है। जब यह गैस ऊपर की ओर बढ़ने लगती है तो हृदय पर दबाब बढ़ता है जिससे घबराहट सी महसूस होती है। यह गैस जब पेट में काफी समय तक रुक जाती है तो पेट में काफी दर्द करती है, जिसे अफारा या पेट में गैस का बनना कहते है।
पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय
यहाँ पर पेट की गैस को जड़ से खत्म करने के उपाय या एसिडिटी को जड़ से खत्म करने के उपाय के बारे में बिस्तार से बात करते है यहाँ से में आपको बहुत सारे घर पर ही तैयार किये जाने बाले उपाय बता रहा हु जिन्हे आप बहुत ही आसानी से और बहुत ही जल्दी बनाकर इस्तेमाल कर सकते है :-
1. सोंठ :
सोंठ का चूर्ण 3 ग्राम और एरण्ड का तेल 8 ग्राम सेवन करने से कब्ज के कारण होने वाला अफारा ठीक हो जाता है।
सोंठ का चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और लगभग 1 ग्राम भाग में कालानमक मिलाकर सुबह और शाम लेने से लाभ होता है।
सोंठ और कायफल को मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से गैस ख़तम हो जाती है।
2. पोदीना :
पोदीना के 5 मिलीलीटर रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर सेवन करने से अफारा गैस ठीक हो जाता है।
50 मिलीलीटर पोदीने का रस, 5 ग्राम मिश्री और 2 ग्राम यवक्षार मिलाकर खाने से अफारा, गैस दूर हो जाता है।
3. कुलंजन : कुलंजन का चूर्ण 2 ग्राम और 10 ग्राम गुड़ को पानी के साथ पीने से अफारा, गैस को निकाल देता है।
4. अदरक : अदरक 3 ग्राम, 10 ग्राम पिसे हुए गुड़ के साथ सेवन करने से अफार, गैस) समाप्त होता है।
5. लहसुन : लहसुन का पिसा हुआ मिश्रण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग को घी के साथ सेवन करने से पेट में बनी गैस बाहर निकल जाती है।
6. सुगंधबाला : सुगंधबाला चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और लगभग 1 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम पीने से अफारे में लाभ होता है।
7. तारपीन :
तारपीन के तेल की 60 से 120 बूंद को साबुन के घोल में मिलाकर बस्ति (एक क्रिया जिसमें गुदा मार्ग से पानी डालते हैं) देने से पेट की गैस दूर हो जाती है।
फलालेन के कपड़े को गुनगुने पानी में भिगोकर और इसमें कुछ बूंदे तारपीन के तेल की छिड़ककर पेट पर रखने से पेट की गैस में लाभ होता है।
8. सौंफ :
सौंफ 25 ग्राम को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें, जब 100 मिलीलीटर पानी बच जाये तब सेंधानमक व काला नमक 2-2 ग्राम मिलाकर रख लें, फिर इस काढ़े को छानकर पीने से अफारा, गैस नष्ट हो जाता है।
सौंफ को कूटकर चूर्ण बनाकर रख लें। 5 ग्राम चूर्ण हल्के गरम पानी के साथ सेवन करने से जल्दी पेट का फूलना और गैस बनना नष्ट होता है।
सौंफ का काढ़ा बनाकर बस्ति (एक क्रिया जिसमें गुदा मार्ग से पानी डालते हैं) देने से गैस में लाभ होता है।
9. जायफल : जायफल का चूर्ण, सोंठ का चूर्ण और जीरे को पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इस बने पाउडर को भोजन करने से पहले पानी के साथ लेने से अफारा, गैस को पैदा होने नहीं देता है।
10. बदियाण : बदियाण रूमी (एक प्रकार का सौंफ) लगभग आधा ग्राम से लेकर 2 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम लेने से लाभ मिलता है।
11. बाबूना : 3 से 4 ग्राम बाबूना के फूल सुबह-शाम सेवन करने से पेट का फूलना में लाभ होता है।
12. बैंगन : बैंगन को अंगारों पर सेंककर उसमें सज्जीखार मिलाकर पेट पर बांधने से, पेट में भार हो गया हो तो वह दूर होता है।
बैंगन की सब्जी में ताजे लहसुन और हींग का छौंक लगाकर खाने से अफारा, गैस को होने से रोकता है।
13. पीपल : 3 ग्राम पीपल का चूर्ण , सेंधानमक 1 ग्राम को मिलाकर, 150 मिलीलीटर छाछ (मट्ठे या तक्र) के साथ पीने से पेट की वायु (गैस) निकल जाती है जिससे अफारा, गैस समाप्त हो जाता है।
14. इलायची : इलायची, आंवले का रस या चूर्ण में भुनी हुई हींग लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग और थोड़ा सा नींबू का रस एक साथ मिलाकर सेवन करें। इससे गैस, दर्द और अफारा मिट जाता है।
15. अंगूर : अंगूर के 50 मिलीलीटर रस में 5 ग्राम मिश्री और 2 ग्राम यवक्षार मिलाकर पीने से अफारा, गैस दूर होता है।
16. लौंग : 3 ग्राम लौंग को 200 ग्राम चीनी में उबाल लें। फिर छानकर इस पानी को पीने से अफारा दूर होता है।
लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौंग को पीसकर गर्म पानी से छान लें। इसे सुबह-शाम रोजाना पीने से अफारा में लाभ होता है।
17. दालचीनी : दालचीनी के तेल की 1 से 3 बूंद को मिश्री के साथ सुबह और शाम देने से अफारे (गैस) में लाभ होता है।
18. तेजपात (तेजपत्ता) : तेजपात का पिसा हुआ चूर्ण 1 से 4 ग्राम सुबह-शाम लेने से पेट में गैस नहीं बनती है।
19. केसर : लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग केसर को शहद के साथ लेने से अफारा (गैस), अतिसार (दस्त) और उल्टी जैसी समस्या ठीक हो जाती हैं।
20. जटामांसी : जटामांसी 200 ग्राम, मिश्री 400 ग्राम, दालचीनी 50 ग्राम, शीतलचीनी 50 ग्राम, सौंफ 50 ग्राम और 50 ग्राम सोंठ को लेकर मिलाकर मिश्रण बना लें, फिर यह मिश्रण 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम सेवन करने से गैस की बजह से होने बाला पेट का दर्द समाप्त हो जाता है।
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एसिडिटी को जड़ से खत्म करने के उपाय:-
अगर आप इन सभी बताये गए घरेलु उपायों को इस्तेमाल करते है तो आप जरूर ही एसिडिटी को जड़ से खत्म कर सकते है यहाँ पर एक बात कहना चाहता हु की आजकल हेर इंसान को बहुत जल्दी आराम चाहिए जिसके लिए हम अंग्रेजी दवाइयों का इस्तेमाल करते है मगर ये परवाह नहीं करते की
ये हमारे शरीर के लिए कितने नुक्सान दायक है इसीलिए में आपसे कहना चाहता हु की यहाँ पर 50 से भी ज्यादा घरेलू उपाए है इनमे से आप कोई भी इस्तेमाल करे और जो भी इस्तेमाल करे उसे पुरे भरोसे और लम्बे समय तक करे में यकीन दिलाता हु आपको बहुत आराम मिलेगा।
21. आक (मदार) : आक के पत्तों में एरण्ड का तेल लगाकर गर्म करके पेट पर बांधने से शौच (ट्टटी) खुलकर आने से पेट साफ हो जाता है। ककी पेट साफ़ न होने के कारण भी गैस बनती है।
22. धतूरे : धतूरे के पत्तों का लेप या पत्तों के काढ़े से सेंकने या पत्तों के तेल से मालिश करने से पेट की गैस दूर हो जाती है।
23. अडूसा : अडूसा (बाकस) के पत्तों का 5 से 15 मिलीलीटर रस को खुराक के रूप में देने से अफारा में लाभ होता है।
24. कचनार : कचनार की मूल (जड़) का काढ़ा का सेवन करने से अफारा (गैस) ठीक हो जाता है।
25. अगियाखार : 40 मिलीलीटर अगियाखार की फांट या घोल को सुबह-शाम लेने से अफारा और गैस में लाभ होता है।
अगियाखार के तेल की 1 से 3 बूंद तक लेने से अफारा समाप्त हो जाता है।
26. गन्ध प्रसारिणी : गन्ध प्रसारिणी के पत्तों का मिश्रण गर्म करके खिलाने से गैस में लाभ होता हैं।
27. विष्णुकान्ता : विष्णुकान्ता (नील शंखपुष्पी) की जड़ 3 से 6 ग्राम सुबह-शाम लेने से लाभ होता है।
28. गूमा : गूमा (दोणपुष्पी) का रस 5 से 10 मिलीलीटर तक सुबह-शाम सेवन करने से पेट की गैस में राहत मिलती है।
29. मट्ठा या छाछ : 200 मिलीलीटर मट्ठे (तक्र) में 2 ग्राम अजवायन का चूर्ण और 1 ग्राम पिसा हुआ कालानमक मिलाकर पीने से अफारा, गैस नष्ट होता है।
30. हींग : हींग को पानी में घोलकर नाभि (पेट के निचले भाग) के आस-पास लेप करने और गर्म पानी की थैली या बोतल रखने से वायु निकल जाती है।
हींग को 2 से 3 ग्राम पानी में घोलकर बस्ति (नाभि के निचले भाग) पर लगाने से अफारा में लाभ होता है।
देशी घी में भुनी हुई हींग लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग , लगभग 1 ग्राम अजवायन और काला नमक के साथ पानी में घोलकर पिलाने से पेट की गैस में तुरंत लाभ मिलता है।
31. नींबू : नींबू के रस को 200 मिलीलीटर पानी में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर धीरे-धीरे पीने से पेट की गैस निकल जाती है।
32. मकरध्वज : मकरध्वज आधा ग्राम, भुनी हुई हींग का चूर्ण 2 ग्राम पानी के साथ सेवन करने से गैस में आराम होता है।
33. दौना : दौना (दवना) के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) का रस 5 से 10 बूंद सुबह-शाम सेवन करने से पेट के कीड़े और गैस समाप्त हो जाती है।
34. बरना : बरना के पत्तों का फांट या घोल 40 से 80 मिलीलीटर सुबह-शाम पीने से पेट दर्द और गैस दूर होती है।
35. मूली : मूली के पत्तों के 20 से 40 मिलीलीटर रस को सुबह-शाम देने से पेट की गैस की शिकायत ही नहीं रहती है।
36. कायपुटी : कायपुटी का तेल 5 से 10 बूंद बताशे या चीनी में भरकर रोजाना 2 से 3 बार सेवन करने से पेट की गैस में आराम मिलता है।
37. सेंधानमक : सेंधानमक 1 ग्राम और 5 ग्राम पिसा हुआ अदरक का चूर्ण सुबह और शाम (दो बार) लें। इससे अफारा में लाभ मिलता है।
38. अजमोद : 5 ग्राम अजमोद को 15 ग्राम गुड़ में मिलाकर खाने से पेट का अफारा मिटता है।
39. तस्तुम्बे : तस्तुम्बे की गिरी और एलुआ को पीसकर गर्म करके लेप करने से अफारा कम होता है।
40. एलुआ : एलुआ को पीसकर नाभि (पेट के निचले भाग) पर लेप करने से दस्त आकर अफारा मिटता है।
41. बालछड़ : बालछड़ का चूर्ण लगभग आधा ग्राम पीसकर रख लें, फिर 2 ग्राम चूर्ण को गर्म पानी के साथ खाने से अफारा में लाभ होता है।
42. तालसी : तालसी के पत्ते और अजवायन का चूर्ण खाने से अफारा मिट जाता है।
43. कालीमिर्च : 3 ग्राम कालीमिर्च और 6 ग्राम मिश्री को पीसकर फंकी के द्वारा लें और ऊपर से पानी पी लें। जिससे गैस में आराम मिलता है
44. दही : दही के छाछ (दही का खट्टा पानी) को पीने से अफारा में लाभ होता है।
45. अरणी : अरणी के पत्तों को उबालकर पीने से अफारा और पेट के दर्द में लाभ होता है।
46. मरोड़फली : मरोड़फली का फल लगभग 2 से 3 ग्राम सुबह-शाम लेने से पेट के गैस के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
मरोड़फली और कालानमक का चूर्ण खाने से पेट दर्द और अफारा रोग नष्ट होता है।
47. प्याज : प्याज के रस में हींग और कालानमक पीसकर पीने से अफारा और पेट दर्द दूर हो जाता है।
20 मिलीलीटर प्याज के रस में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग हींग और 1 ग्राम कालानमक मिलाकर दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से वादी का दर्द और पेट का फूलना बंद हो जाता है।
48. ढाक : ढाक के पत्ते को उबालकर पीने से अफारा और पेट के दर्द में लाभ होता है।
49. गुड़ : गुड़ और मेथी दाना को उबालकर पीने से अफारा मिट जाता है।
50. अजवायन: देशी अजवायन 250 ग्राम और कालानमक 60 ग्राम को किसी चीनी-मिट्टी या कांच के बर्तन में रख दें, ऊपर से इतना नींबू का रस डालें कि दोनों दवाएं डूब जाए। इस बर्तन को छाया में रख दें।
जब नींबू का रस सूख जाये तो फिर और रस डाल दें। इसी तरह 7 बार करें। इस 2 ग्राम दवा को गुनगुने पानी से सुबह-शाम खाने से पेट के सभी रोग समाप्त हो जाते हैं।
जंगली अजवायन का चूर्ण 1 से 3 ग्राम सुबह-शाम सेवन करने से गैस समाप्त हो जाती है।
51. सोआ : सोआ (बनसौंफ) को पीसकर मिश्रण बना लें, इसे पकाकर काढ़ा बनाकर रोज 40 मिलीलीटर सुबह-शाम देने से पेट की गैस में राहत मिलती है।
52. डिकामाली : डिकामाली लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग को गर्म पानी में घोलकर सुबह-शाम पीने से अफारा कम होता है।
53. राई : 2 ग्राम राई को चीनी में मिलाकर फांक लें तथा ऊपर से लगभग आधा ग्राम से 1 ग्राम चूने को आधा कप पानी में मिलाकर पिलाने से अफारा को दूर किया जा सकता है।
54. धनिया :
धनिया का तेल 1 से 4 बूंद मिश्री के साथ देने से बच्चों को पेट की गैस से राहत मिलती है।
2 चम्मच सूखा धनियां 1 गिलास जल में उबालकर 3 बार पीने से गैस में लाभ होता है।
हरा धनिया, काला नमक, कालीमिर्च मिलाकर चटनी बनाकर चाटने से अफारा में लाभ मिलता है। यह चटनी सुपाच्य रहती है। उल्टी में धनिये को मिश्री के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है। पिसे हुए धनिये को सेंककर 1-1 चम्मच पानी से फंकी लेने से दस्त आना बंद हो जाता है। दस्तों के साथ आंव, मरोड़, उल्टी, गर्भवती की उल्टी आदि आना बंद हो जाती है।
धनिये का शर्बत अफारा को ऐसे भगा देता है कि जैसे गधे के सिर से सींग। इसके लिए 50 ग्राम धनिया को 2 लीटर में उबाल लें। इसके बाद उबले हुए पानी को ठंडा करके एक बोतल में भर लें। धनिये के दाने को छान लें।
यह पानी दिन में 3-4 बार लेना चाहिए। यदि पानी मीठा लगे तो एक प्याला पीते समय उसमें थोड़ा सा काला नमक डाल लें। इससे स्वाद बढ़ जाता है और नमक शरीर को लाभ पहुंचाएगा। धनिये के पानी से हाथ-मुंह भी धोना चाहिए। इससे पसीने की दुर्गंध काफी समय के लिए दूर हो जाती है।
55. मेथी : मेथी 250 ग्राम और सोया 250 ग्राम को लेकर, दोनों को तवे पर सेंक लें, मोटा-मोटा कूटकर (अधकुटा) करके 5-5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से वायु, लार की अधिकता, अफारा (पेट में गैस का बनना), खट्टी हिचकियां और डकारें आने का कष्ट मिट जाता है।
56. शरपुंखा : शरपुंखे की जड़ के 10 से 20 मिलीलीटर काढ़े में भूनी हुई लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से लगभग आधा ग्राम हींग को मिलाकर सुबह-शाम पिलाने से पेट की गैस खत्म हो जाती है।
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57 . वच : बच्चों का दर्द युक्त अफारा मिटाने के लिए, वच को पानी में घिसकर पेट पर लेप करना चाहिए।
वच के कोयले को एरण्डी के तेल या नारियल के तेल में पीसकर बच्चे के पेट पर लेप करने से दर्द वाला अफारा खत्म होता है।
58 . पलास : पलास की छाल और शुंठी का काढ़ा 30-40 मिलीलीटर सुबह-शाम 2 बार पिलाने से अफारा और पेट का दर्द नष्ट हो जाता है।